ससोली गांव का पुलकित को सैल्यूट..कड़ी मेहनत और लगन से बना सेना में अफसर, भारतीय सेना में अपने बेटे को अफसर बनता देख मां की आंखें भर आई..
- लेफ्टिनेंट पुलकित का हुआ जोरदार स्वागत
- पुलकित की माता को बेटे पर गर्व
23 साल के पुलकित सेना अफसर की वर्दी पहनकर घर पहुंचा तो भारतीय सेना में अपने बेटे को अफसर बनता देख मां कमला धीमान की आंखें भर आई। बेटे की उपलब्धि पर खुशी प्रकट की, उन्होंने कहा है कि उनको उनके बेटे पर गर्व है। कड़ी मेहनत के बाद पुलकित सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित हो गई हैं। उनके परिवार में कोई भी सेना में नहीं नहीं था। पुलकित के पिता का बचपन में देहांत हो गया था। आज उनका बेटा सेना में अधिकारी बनकर घर पहुंचा है। उनका बेटा देश सेवा करेगा और उनका नाम रोशन करेगा।
- जो सपना देखा था वह हुआ पूरा
- वर्दी पहन कर उत्साह दो गुना हो जाता है
पुलकित ने बताया की वर्दी पहन कर उत्साह दो गुना हो जाता है। अब उन्हें 21 दिन की छुटी मिली है, इसके बाद वह अपनी यूनिट में रिपोर्ट के बाद ड्यूटी ज्वाइन करेंगे। ट्रेनिंग के दिनों को याद करते हुए बताया की उनके बहुत से साथी बने जो आज अधिकारी बन गए है, उन्हें उनकी हमेशा याद आएगी।
रेड में अंतिम पग पार करने के बाद 341 युवा अफसरों की टोली देश पर मर-मिटने की शपथ लेकर भारतीय सेना में शामिल हो गई। सुबह ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड शुरू हुई। सेना के दक्षिण-पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ले. जनरल आरपी सिंह ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर परेड का निरीक्षण कर जेंटलमैन कैडेट्स से सलामी ली। पासिंग आउट परेड में पीपिंग सेरेमनी के दौरान जेंटलमैन कैडेट्स के परिजन भी मौजूद रहते थे, लेकिन कोरोना की वजह से इस बार भी परेड सादगी से आयोजित हुई।
- IMA ने सेना को दिए 341 जांबाज आर्मी अफसर
गौरतलब है कि जेंटलमैन
कैडेट्स को परिजनों की कमी खली तो जरूर होगी, लेकिन इसका उनके जोश पर
किसी तरह का असर नहीं दिखाई दिया। आज पासिंग आउट परेड दो घंटे की देरी से शुरू
हुई। डिप्टी कमांडेंट जगजीत सिंह ने परेड की सलामी ली। कमांडेंट हरिंदर सिंह ने
परेड की सलामी ली। जिसके बाद ले. जनरल आरपी सिंह परेड स्थल पहुंचे और परेड की
सलामी ली। पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद 425 जेंटलमैन कैडेट्स
बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए। भारतीय थलसेना को 341 युवा सैन्य अधिकारी मिले। जबकि 84 युवा सैन्य अधिकारी नौ
मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, श्रीलंका, वियतनाम, टोंगा, मालदीव और किर्गिस्तान की सेना का अभिन्न अंग
बने। भारतीय सैन्य अकादमी में जेंटलमैन कैडेट्स विभिन्न पारिवारिक पृष्ठभूमि से
पहुंचते हैं। हर जेंटलमैन कैडेट्स की अपनी एक सोच और कहानी होती है। ऐसे में इन
युवाओं को एक समान प्रशिक्षण देते हुए एक मजबूत नेतृत्व क्षमता वाला अफसर बनाना
बड़ी चुनौती होता है। भारतीय सैन्य अकादमी देश-विदेश की सेना को 62 हजार 987 युवा अधिकारी दे चुकी है। जिनमें मित्र देशों
को मिले 2587 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।
Heartiest congratulations to the proud Momm and all near and dears
ReplyDeleteGod bless Pulkit for his long way to go ahead
My personal heartily greetings to Pulkit
Keep up the show dear
It's uncle here